नई दिल्ली: आधार मुद्दे पर अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूजीसी, एनईईटी और सीबीएसई परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य है और निर्देश दिया गया है कि बायोमेट्रिक डेटा अदालत की अनुमति के बिना किसी भी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला दिया कि पैन लिंकिंग के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड नहीं मिलेगा", आधार कार्ड के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "शिक्षा हमें अंगूठे की छाप से हस्ताक्षर पर लाई थी, अब तकनीक ने हमें वापिस हस्ताक्षर से अंगूठे की छाप पर ला दिया है. एससी/एसटी: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों पर छोड़ा पदोन्नति में आरक्षण देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निदेश दिया कि स्कूल प्रवेश के लिए आधार को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए, आधार न्याय की संवैधानिक वैधता पर फैसले को बरकरार रखते हुए एके सिकरी ने केंद्र से कहा कि "जितनी जल्दी हो सके मजबूत डेटा संरक्षण कानून लागू करें". सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "आधार नामांकन के लिए यूआईडीएआई द्वारा नागरिकों के न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बॉयोमीट्रिक डेटा एकत्र किए जाते हैं, किसी व्यक्ति को दिया गया आधार संख्या अद्वितीय है और किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जा सकती है." गिरते बाज़ार में आपको नुक्सान से बचा सकती है ये 3 टिप्स न्यायमूर्ति एके सिकरी ने आधार की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में फैसले को पढ़ते हुए कहा, "सर्वोत्तम होने की जगह अद्वितीय होना बेहतर है." न्यायमूर्ति एके सिकरी ने यह भी कहा कि आधार समाज के हाशिए वाले वर्ग को अधिकार देता है और उन्हें एक पहचान देता है, आधार अन्य आईडी प्रमाणों से भी अलग है क्योंकि इसे डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को भी रोक दिया; नतीजतन अब निजी कंपनियां आधार कार्ड नहीं मांग सकेंगी, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंक खाता खोलने और मोबाइल फ़ोन के लिए भी आधार की अनिवार्यता नहीं है. खबरें और भी:- खुशखबरी... इन 6 राज्यों में जल्द ही घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम बंगाल बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों की तोड़फोड़, ड्राइवर हेलमेट पहनकर चला रहे बस वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट, 37 अरब डॉलर की व्यापारिक क्षमता है भारत पाक के बीच