नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने फेरी लगाकर सामान बेचने वाले लोगों को लेकर अहम फैसला दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि फेरी लगाकर सामान बेचने वाले उनके लिए तय नियम कानून के अनुसार, घूम-घूमकर अपना सामान तो बेच सकते हैं, मगर रात में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अपना स्टॉक यानी माल रखने का अधिकार उनको नहीं है. ऐसा करना अवैध है. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नस की बेंच ने अपने फैसले में हॉकर के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उसने दिन में बिक्री के बाद बचे हुए सामान को उसी जगह पर सुरक्षित रखने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी. मामला नई दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट का है. वहां एक हॉकर मदन लाल ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में केस दाखिल करते हुए कहा कि उनको उनकी ही जगह पर रात में सामान रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है. बाजार बंद होने पर NDMC प्रशासन उनको सामान हटाने के लिए बोलता है. ये उन पर जुल्म है. अदालत न्याय करे. न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी. मदन लाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए मदनलाल की याचिका ठुकरा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हॉकिंग नियमों के अनुसार, अनुमति केवल माल बेचने की है. रात भर या छुट्टियों के दिनों में वहां सामान स्टॉक करने और रखने की नहीं. एक 'चिंगारी' से राख में तब्दील हो गई 225 एकड़ में खड़ी फसल, किसानों की मेहनत और कमाई दोनों 'भस्म' तेज रफ़्तार कार ने फुटपाथ पर सो रहे मजदूर परिवार को रौंदा, 1 की मौत, 2 घायल 'न्यायपालिका पर काफी बोझ, अदालतों की संख्या बढ़ने पर ही न्याय संभव..', CJI एनवी रमण ने जताई चिंता