केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए SC का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को शीर्ष अदालत ने बड़ी राहत दी है, सुप्रीम कोर्ट का यह नया फैसला 45 लाख लोगों के लिए लाभदायक रहेगा. सीजीएचएस के पैनल के अस्पतालों में सुविधा न होने पर पैनल से बाहर के अस्पतालों में भी अगर ये सेवारत या रिटायर्ड कर्मचारी या उनके परिजन इलाज कराएंगे तो उन्हें खर्च वापस मिलेगा. यानी इलाज पर खर्च की गई रकम रिइंबर्स हो जाएगी. इस बाबत दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलाज और रिइंबर्समेंट के बीच कोई रोड़ा नहीं आएगा.

ये याचिका भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट के वकील शिवाकांत झा ने दाखिल की थी. शि‍वाकांत झा ने 2003 में अपनी दिल की बीमारी का इलाज दिल्ली में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स और मुंबई के जसलोक अस्पताल में कराया था. लेकिन CGHS अधिकारियों ने इलाज में उस वक्त खर्च हुई 13 लाख 80 हज़ार की रकम रिइंबर्स करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि ये अस्पताल CGHS पैनल में नहीं थे. मामला अदालत और फिर सबसे बड़ी अदालत में आया.

अदालत ने कहा कि CGHS की तय दरों से ज़्यादा खर्च होने पर पूरी रकम का पुनर्भुगतान न होना सरासर अन्याय है. ये कर्मचारियों के बेहतरीन इलाज कराने के अधिकारों का भी हनन है. CGHS को भुगतान करना ही होगा और वो भी उस अस्पताल की दर पर.कोर्ट ने कहा कि जब ये साबित हो जाए कि सरकारी कर्मचारी ने किसी अस्पताल में इलाज कराया है तो फिर पेमेंट कोई नहीं रोक सकता, न ही कम कर सकता है.

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