नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) द्वारा अलग से प्रवेश परीक्षा कराने के फैसले को ख़ारिज कर दिया है. इसके साथ ही कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट (CLAT) के तहत प्रवेश आयोजित कराने और अक्टूबर के मध्य तक प्रक्रिया को संपन्न कर लेने का आदेश दिया है. बता दें कि नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) बेंगलुरु ने अपने यहां B.A LL.B और LL.M पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है. इस एंट्रेंस एग्जाम का नाम नेश्नल लॉ एप्टीटयूट टेस्ट (NLAT) था, जो 12 सितंबर 2020 को होने वाली थी। इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) बेंगलुरु को 12 सितंबर को NLAT 2020 आयोजित करने की अनुमति दे दी थी, किन्तु कहा था कि संस्थान परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं करेगा, जब तक कि कोर्ट इस परीक्षा की वैधता पर फैसला नहीं देती है. NLSIU के पूर्व कुलपति, प्रो (डॉ) आर वेंकट राव और छात्रों के परिजनों ने NLAT परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी. याचिका में कहा गया था कि NLSIU के फैसले से अप्रत्याशित अनिश्चित्ता उत्पन्न कर दी है और स्टूडेंट्स पर भी अनावश्यक भार डाल दिया है. आज शीर्ष अदालत ने NLSIU द्वारा अलग से एंट्रेंस एग्जाम कराने के फैसले को निरस्त कर दिया है. महाराष्ट्रः भिवंडी में ढही 3 मंजिला इमारत, अब तक मिले 8 लोगों के शव प्रतिवर्ष इस कारण से मनाया जाता है विश्व शांति दिवस सेंसेक्स की टॉप कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में आई गिरावट, RIL को भी उठानी पड़ी हानि