नई दिल्ली : राम जन्मभूमि विवाद पर रोज सुनवाई होगी या नहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ़ कर दिया है. बता दें कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जल्द सुनवाई की अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसके पास जल्द सुनवाई के लिए वक़्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षकारों को और समय देने की जरुरत है. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी कि अर्जी ख़ारिज करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले में मुख्य पक्षकार नहीं है. हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर मध्यस्ता को लेकर कोई बात नहीं हुई. गौरतलब है कि राम जन्मभूमि विवाद के मुख्य याचिकाकर्ता रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से मामला उठाए जाने का विरोध किया है. इकबाल अंसारी ने लिखा है, कि सुब्रमण्यम स्वामी इस विवाद में पक्ष नहीं हैं. उन्होंने पक्षकारों को बगैर जानकारी दिए मुख्य न्यायाधीश कि पीठ में ये मामला रखा. उनका इस केस से कोई लेना देना नहीं है, जबकि 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी पक्ष आपसी सहमति से इस विवाद का हल निकालने की कोशिश करें और अगर सभी पक्ष सहमत हैं तो मध्यस्थता के लिए किसी जज की नियुक्ति की जा सकती है. बता दें कि मुख्य याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी के निधन के बाद अब उनके बेटे इकबाल अंसारी मुकदमे के पक्षकार हैं. इकबाल ने कहा कि समझौते की बात तो ठीक है, लेकिन सबूतों के आधार पर फैसला होना चाहिए, जबकि निर्मोही अखाड़े का कहना है कि समझौते में कई अड़चने हैं. बाबरी मस्जिद के एक और पक्षकार हाजी महबूब अली अलग मस्जिद बनाने के फॉर्मूले को एक सिरे से खारिज कर रहे हैं, जबकि विराजमान रामलला के पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष भगवान की जन्मभूमि को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगा. ऐसे में इस विवाद को सुलझाना आसान नहीं होगा. अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं. यूपी की बदली फ़िज़ा, मुस्लिमों ने लगाए राम मन्दिर निर्माण के बैनर हिंदू मुसलमान दोनों मिलकर बनाऐंगे श्री राम मंदिर : गिरिराज सिंह सबकुछ कहा लेकिन, राम मंदिर पर कुछ नहीं बोले योगी राम मंदिर बने किन्तु किसी अन्य धर्म स्थल को तोड़ कर नहीं - दिग्विजय सिंह