मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में कैद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को शीघ्र ही जमानत मिल सकती है। उनकी तबीयत बहुत समय से खराब चल रही है जिसके लिए उन्होंने 25 मार्च को ही उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। इसपर आज सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को निर्देश दिया है कि वो अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर तेजी से सुनवाई करे। मामले का निपटारा करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, 'हमें उम्मीद है और भरोसा है कि इस मामले पर तेजी से सुनवाई होगी और उच्च न्यायालय याचिका पर विचार करेगा।' दरअसल, अनिल देशमुख ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उच्च न्यायालय उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है, जो कोर्ट में 25 मार्च से पेंडिंग है। देशमुख के मामले का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी.वी. नागरत्न की पीठ के सामने दलील दी कि, "अनिल देशमुख काफी बीमार हैं, और कई बीमारियों से ग्रसित हैं और 73 साल के बुजुर्ग हैं।" सिब्बल ने ये भी बताया कि 'उच्च न्यायालय में देशमुख की याचिका 25 मार्च से पेंडिंग है और उसपर जल्द से जल्द विचार किया जाए।' बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल देशमुख को धन शोधन मामले में दो नवंबर 2021 को अरेस्ट किया था। इसके बाद इसी साल अप्रैल में CBI ने देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के इल्जाम की जांच के लिए हिरासत में लिया था। तब से वो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्हें सीने में दर्द, हाई बीपी और कंधे में दर्द की समस्या के बाद मुंबई के KEM अस्पताल में एडमिट कराया गया था। मनी लॉन्डरिंग केस: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने 9 जून तक रिमांड पर भेजा कौन हैं महुआ मांझी? जिनके लिए CM हेमंत ने कांग्रेस से मोल ले ली नाराजगी 'भगवा ध्वज एक दिन तिरंगे का स्थान लेगा..', कर्नाटक मंत्री की बात से भड़के संजय सिंह, की गिरफ़्तारी की मांग