सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए गठित "इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन" ट्रस्ट पर केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को नामित करने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता हरि शंकर जैन की दलीलें सुनने के बाद शिशिर चतुर्वेदी और करुणेश कुमार शुक्ला की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया है कि 29 जुलाई को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के शीर्षक के तहत एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की। यह ट्रस्ट एक मस्जिद सांस्कृतिक और अनुसंधान केंद्र और सार्वजनिक उपयोगिता सुविधाओं का निर्माण करेगा, जिसमें इसमें आवंटित 5 एकड़ भूमि के भीतर एक पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और अस्पताल भी शामिल होगा। दलील देते हुए कहा कि सरकार के किसी भी अधिकारी को नामित करने का कोई प्रावधान नहीं है और यह उम्मीद की जाती है कि सैकड़ों व्यक्ति इस्लामिक ट्रस्ट के स्थल पर जाएंगे और इसे भारत के भीतर और विदेशों से भी योगदान मिलेगा। अधिवक्ता दिव्य ज्योति सिंह के माध्यम से दायर याचिका में शीर्ष अदालत से जमीन के उचित प्रशासन के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन में सुन्नी मुसलमानों से संबंधित केंद्र और राज्य सरकार के नामितों से मिलकर एक ट्रस्ट बनाने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की मांग की गई। किसान आंदोलन पर बोली कांग्रेस, कहा- 'हठ त्याग दें मोदी जी', देश की सोचें 15 वर्षीय लड़की की शादी करवा रही थी दादी, बोलीं- मेरे पास उसे पालने के पैसे नहीं पर्यावरण मंत्री ने किया दिल्ली सरकार से सीपीसीबी की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करने का आग्रह