लॉकडाउन की वजह से हर किसी को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दौरान वकीलों को वित्तीय सहायता देने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करने से इनकार करते हुए उसे खारिज कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का बड़ा बयान, यहां पर जल्द मिल सकती है स्वास्थ्यकर्मियों को राहत अपने बयान में न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने वकील पवन प्रकाश पाठक की याचिका पर सुनवाई के बाद बीसीआई को कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया. याचिका में कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कठिनाइयों का सामना कर रहे वकीलों को वित्तीय सहायता देने की मांग की गई थी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को उचित निर्देश देने को कहा गया था. कानपूर में मेडिकल टीम और पुलिस पर पथराव, कार्रवाई में जुटा प्रशासन इसके अलावा याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के लिए अधिवक्ता अधिनियम 1961 है. अधिनियम की धारा 5 के तहत यह आवश्यक है कि यदि उन्हें किसी भी तरह की मदद की आवश्यकता हो, तो उनके लिए एक दिशा-निर्देश पारित किया जा सकता है. पाठक ने कहा कि स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के पास आय का कोई साधन नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट बीसीआई को इन वकीलों की मदद करने के लिए उचित आदेश या निर्देश पारित करे. मध्य प्रदेश में खुले मंत्रालय, 30 प्रतिशत कर्मचारी को बुलाया गया मजदूरों को घर पहुंचाने में जुटी योगी सरकार, कही यह बात परिवहन सेवा पर पड़ा लॉकडाउन का असर, करना पड़ेगा कई चुनौतियों का सामना