पटना: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर आज यानी शुक्रवार (19 मई) को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. इस दौरान मामले पर बिहार सरकार की तरफ से वक़्त पर जवाब ना देने पर शीर्ष अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई है. इसी के साथ अदालत ने इस मामले पर राजनीति करने से भी मना कर दिया है. न्यायालय ने तमाम पक्षकारों को ताकिद किया कि कोई भी इस मामले का अदालत में राजनीतिकरण नहीं करे. कोर्ट में केवल कानूनी पहलू बताएं. वहीं याचिकाकर्ता ने सरकार पर इस मामले को जानबूझकर टालने का इल्जाम लगाया है. सुनवाई की शुरुआत होते ही याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि याचिका सबको प्रेषित की गई. मगर, जानबूझकर मामले को टालने की कोशिश की जा रही है और जवाब नहीं दाखिल किया गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए बिहार सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 अगस्त को की जाएगी. बेंच ने बिहार सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा कि आगे सुनवाई को स्थगित नहीं किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को सजा में छूट के प्रावधानों से संबंधित बदलाव से जुड़े कागज़ात पेश करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है. इसी के साथ आनंद मोहन को भी एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट को आज मिले दो नए जज, अब कोई पद रिक्त नहीं, वकील रहे विश्वनाथन आगे CJI बनेंगे! खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के गुर्गे अमृतपाल सिंह को लाया गया भारत, फिलीपींस में हुआ था गिरफ्तार सिद्धारमैया को कर्नाटक की कमान सौंपने से खुश नहीं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर! हाईकमान के फैसले पर कही ये बात