नई दिल्ली: हाल में सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग गर्भवती लड़की के भ्रूण का गर्भपात कराने की अर्जी पर मेडिकल जांच पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ पीजीआई को गर्भ की जांच कर रिपोर्ट को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि 26 हफ्ते की गर्भवती 10 साल की बच्ची के गर्भ की जांच करे. साथ ही जांच के बाद इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाये कि क्या बच्ची के भ्रूण का गर्भपात कराया जा सकता है या नहीं. इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि 10 साल की लड़की के साथ उसके एक नजदीकी रिश्तेदार ने लगातार बलात्कार किया जिससे वह गर्भवती हो गई है. उसके गर्भ में 26 हफ्ते का बच्चा पल रहा है. लड़की की ओर से चंडीगढ़ जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर गर्भपात की इजाजत मांगी गई थी लेकिन एमटीपी ऐक्ट की धारा-3 के प्रावधान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे गर्भपात की इजाजत नहीं मिली. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया है कि कम उम्र में गर्भवती होने के कारण बच्ची के साथ-साथ उसके गर्भ में पल पर बच्चे को भी खतरा है. वह शारीरिक रूप से अक्षम है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने गर्भ की जाँच करने के आदेश दिए है. जेवर गैंगरेप-मर्डर मामले के 4 आरोपी, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार लोकमान्य तिलक के परपोते रोहित तिलक पर रेप का आरोप नेशनल कबड्डी प्लेयर का रेप कर सड़क पर छोड़ा, कहा - किसी को बताना नहीं डॉक्टर ने नाबालिग को बनाया हवस का शिकार, कंपाउंडर भी शामिल लातूर जिले में महिला से गैंगरेप, गुप्तांग में रॉड डाली