SC के निर्णय से 10 हजार कर्मचारियों का हो सकता है डिमोशन

कर्नाटक। सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय से कर्नाटक राज्य के शासकीय कर्मचारियों की परेशानी कथित तौर पर बढ़ गई है। दरअसल लगभग 10 हजार कर्मचारियों को डिमोशन का सामना करना होगा। जी हां, यदि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गौर करें तो करीब 10 हजार दलित कर्मचारियों का डिमोशन हो जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष बीपी मंजे गोडा द्वारा कहा गया कि 7 हजार से 10 हजार कर्मचारी ऐसे हैं जो कि अपनी रैंक पर पहुंचेंगे। इतना ही नहीं सरकार के विभिन्न 65 विभागों में से 8 प्रतिशत एससी एसटी के लिए रिज़र्व हैं।

दरअसल 5.5 लाख शासकीय कर्मचारियों में से कुछ कर्मचारियों को ही रैंक बढ़ोतरी का लाभ मिला है। न्यायालय ने कहा था कि जिन लोगों को पदोन्नत किया गया है या किया जाना है उनके लिए सरकार को यह निर्धारित करना होगा कि उन्हें अपर्याप्त प्रतिनिधित्व, पिछड़ेपन और दक्षता के मानदंडों को पूर्ण किया जाएगा।

न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा था कि यदि रिज़र्वेशन वाली कैटेगरी में सीनियर कर्मचारी की पदोन्नति होती है तो फिर जूनियर आॅफिसर्स को सीनियरिटी मिलेगी। हालांकि अब न्यायालय के निर्णय को लेकर सरकार अपनी याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। यदि अभी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को माना जाता है तो वर्ष 2018 के चुनाव में सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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