नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण मामले में शीर्ष अदालत ने जाँच की निगरानी करने से अब मना कर दिया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने सोमवार (26 जुलाई 2021) को CBI को कहा कि वो ISRO मामले में जाँच पूरी कर कानून के अनुसार कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा कि ये जाँच और कानूनी कार्रवाई CBI की प्राथमिकी और जाँच के आधार पर होनी चाहिए। रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपित की तरफ से पेश हुए एक वकील ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा कि इस मामले में गठित जस्टिस डीके जैन समिति की रिपोर्ट उनके साथ साझा की जाए। इस पर न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि, 'रिपोर्ट सिर्फ एक प्रारंभिक जानकारी है। CBI सिर्फ रिपोर्ट के आधार पर आपके (आरोपित) के खिलाफ आगे नहीं बढ़ सकते हैं। उन्हें तफ्तीश करनी है, तथ्य जुटाने हैं और फिर कानून के मुताबिक आगे बढ़ना है। अंतत: इस मामले की जाँच की जाएगी। रिपोर्ट आपके अभियोजन का आधार नहीं हो सकती है।' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी में रिपोर्ट का सार है। बेंच ने आगे कहा कि रिपोर्ट कहती है कि FIR दर्ज कर ली गई है, किन्तु इसे वेबसाइट पर पोस्ट नहीं किया गया है। इस पर मेहता ने कहा कि मामले में दर्ज FIR संबंधित कोर्ट में दायर की गई है और यदि कोर्ट अनुमति देती है तो इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है। 105 साल की सबसे बुजुर्ग आदिवासी महिलाओं ने लगवाया कोरोना का टीका, सीएम ने दी बधाई मलेशियाई संसद वायरस के लंबे अंतराल के बाद होगी शुरू रिलायंस को वित्तीय वर्ष 23 की तीसरी तिमाही से एमजे क्षेत्र से है कई उम्मीद