नई दिल्ली : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को लेकर यह बात सामने आई है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बेहिसाबी संपत्ती के मामले में कहा है कि जयललिता इस मामले में निर्दोष है। गौरतलब है कि न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ती के मामले में तलिनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता को अलग कर दिया और कहा कि इस मामले में एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला नटराजन और उनके दो संबंधियों की 4 वर्ष की सजा को यथावत रखा जाएगा। दरअसल इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने निर्णय दिया था, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि जयललिता पर ट्रायल कोर्ट ने जो 100 करोड़ रूपए का जुर्माना आरोपित किया था वह वसूला जा सकता है। मगर सरकार ने इस मामले में पिटीशन दायर की थी और कहा था कि जयललिता का नाम शामिल कर दिया जाए। कर्नाटक सरकार ने पिटीशन में कहा कि जयललिता ट्रायल कोर्ट के निर्णय के समय जीवित थीं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मैरिट के आधार पर कर्नाटक सरकार की पिटीशन को लेकर सुनवाई की गई लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। गौरतलब है कि इस मामले में शशिकला और उनके संबंधियों पर 10 करोड़ रूपए और जयललिता पर 100 करोड़ का जुर्माना आरोपित किया गया था। जयललिता द्वारा इस निर्णय को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 1996 में जयललिता के खिलाफ वाद दायर किया था और आरोप लगाया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए बड़े पैमाने पर संपत्ती एकत्रित की थी। इस दौरान उनके पास करीब 66.44 करोड़ रूपए की संपत्ती थी। जयललिता की डेथ रिपोर्ट सार्वजानिक करने पर हुआ बड़ा खुलासा जयललिता की सीट से चुनाव लड़ेंगे दिनाकरन चेन्नई हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश, किसानों के कर्ज माफ़ करे सरकार