नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय को 2 नए न्यायमूर्ति मिल गए हैं। न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन को आज यानी शुक्रवार (19 मई) सुबह ही प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जज की शपथ ग्रहण करवाई। इन दो जजों के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में जज का अब कोई पद रिक्त नहीं रह गया। इसका मतलब है कि शीर्ष अदालत अब पूरी क्षमता के साथ काम कर सकेगी। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 34 पद हैं, जिनमें से अब तक 2 खाली थे। इन दोनों ही जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 मई को अनुशंसा की थी। इन दोनों पर ही केंद्र सरकार ने तेजी से निर्णय लिया और 18 तारीख को ही मंजूरी की नोटिफिकेशन जारी कर दी गई थी। बता दें कि, केवी विश्वनाथन 25 मई, 2031 तक सर्वोच्च न्यायालय के जज रहेंगे। वहीं, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के 11 अगस्त, 2030 को रिटायर होने के बाद वह प्रधान न्यायाधीश (CJI) बन जाएंगे। गौरतलब है कि, केवी विश्वनाथन शीर्ष अदालत के इतिहास में ऐसे 10वें जज हैं, जो सीधे वकालत के पेशे से यहां तक पहुंचे हैं। यही नहीं वकील से सीधे जज बनने के बाद CJI बनने वाले भी वह देश के चौथे व्यक्ति होंगे। इस प्रकार विश्वनाथ की नियुक्ति अपने आप में कई कीर्तिमान बनाने वाली भी है। उनसे पहले न्यायमूर्ति एसएम सीकरी, न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा भी वकालत के पेशे से आए थे और चीफ जस्टिस बने थे। बता दें कि, केवी विश्वनाथन पूर्व में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। वह 30 वर्षों तक वकालत के पेशे से जुड़े रहे और इस दौरान उन्होंने कई हाईप्रोफाइल मामलों की पैरवी की थी। देश के अटॉर्नी जनरल रहे केके वेणुगोपाल के साथ भी वह काम कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2009 में ही केवी विश्वनाथन को वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिया था। वहीं, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा अब तक आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायधीश थे, जहां से उन्हें प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट लाया गया है। जिसने लिखा था पाकिस्तान का राष्ट्रगान जानिए कौन है वो खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के गुर्गे अमृतपाल सिंह को लाया गया भारत, फिलीपींस में हुआ था गिरफ्तार सिद्धारमैया को कर्नाटक की कमान सौंपने से खुश नहीं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर! हाईकमान के फैसले पर कही ये बात