नई दिल्ली: आज गुरुवार (25 जुलाई 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू समाज के नेता कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या के साजिशकर्ता सैयद असीम अली को जमानत दे दी है। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने आरोपी को जमानत दी। पीठ ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपी पहले ही साढ़े चार साल से अधिक समय जेल में काट चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल में बिताए गए समय के अलावा असीम अली का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसके खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत केस दर्ज नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि, इससे पहले, इस साल अप्रैल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में सैयद आसिम अली की जमानत ख़ारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने मामले को मजहबी घृणा से प्रेरित बताया था, जिसके परिणामस्वरूप अंततः तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। बता दें कि महाराष्ट्र ATS ने 21 अक्टूबर, 2019 को कमलेश तिवारी हत्याकांड में नागपुर से असीम अली को गिरफ्तार किया था। आरोपी असीम अली एक हार्डवेयर की दुकान का मालिक है और वो अन्य तीन आरोपियों राशिद, मोहसिन और फैजान के साथ लगातार संपर्क में था, जिन्हें पहले यूपी पुलिस, यूपी एटीएस और गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया था। क्या है मामला ? बता दें कि, हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। हमलावर उनके संगठन के लिए काम करने के बहाने उनसे घर में मिलने पहुंचे थे। लखनऊ के नाका हिंडोला इलाके में उनके घर पर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में सूरत के अशफाक और मोइनुद्दीन सीधे तौर पर शामिल थे। कमलेश तिवारी को 2015 में पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी के लिए तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद देवबंद, सहारनपुर और पश्चिम बंगाल में मुस्लिम समूहों ने तिवारी की मौत की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर दंगे और विरोध प्रदर्शन किए थे। तिवारी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने के बाद से वे एक साल से ज़्यादा समय तक जेल में रहे। सितंबर 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आखिरकार उनके खिलाफ़ NSA के आरोपों को खारिज कर दिया था और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ़ टिप्पणी को लेकर कमलेश तिवारी की गिरफ़्तारी और उसके बाद लगाए गए आरोपों ने पूरे देश में, ख़ासकर हिंदू समूहों में आक्रोश पैदा कर दिया था। कमलेश तिवारी के हत्यारों का केस भारत की बड़ी इस्लामी संस्था, जमीयत उलेमा ए हिन्द लड़ रही है और आरोपियों को कानूनी मदद मुहैया करा रही है। जमीयत ने बाकायदा इसका ऐलान भी किया था। 'राज्य लेंगे मेडिकल एंट्रेंस की परीक्षा..', कर्नाटक सरकार ने भी NEET के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव, बंगाल-तमिलनाडु में भी विरोध भारत के एनर्जी सेक्टर में आएगा उछाल, GAIL इंडिया ने शुरू किया ये अहम प्रोजेक्ट ये है दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट, जानिए भारत की रैंकिंग क्या है?