मध्यप्रदेश संकट: कमलनाथ के वकील बोले, कोरोना से जूझ रही दुनिया, क्या इस वक़्त फ्लोर टेस्ट जरूरी ?

नई दिल्ली: कांग्रेस के वकील की तरफ से शीर्ष अदालत में तर्क दिया गया है कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाना चाहिए। क्योंकि मध्य प्रदेश जैसी स्थिति इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी पैदा हो चुकी है। दुष्यंत दवे ने इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय में गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव का हवाला दिया है।

कोर्ट में कांग्रेस के वकील की तरफ से दलील दी गई है कि अभी दुनिया मानवता के सबसे बड़े संकट कोरोना वायरस से जूझ रही है, ऐसे में क्या इस समय फ्लोर टेस्ट कराना जरूरी है? इससे पहले शीर्ष अदालत में मध्य प्रदेश के मसले पर कांग्रेस और भाजपा के वकील आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा की तरफ से पेश हो रहे मुकुल रोहतगी के अदालत को इंतजार कराने पर कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि आप कोर्ट को 50 मिनट इंतजार करवा रहे हैं और बीच में आकर टोक भी रहे हैं। फिर भी आप खुद को देश का बड़ा वकील बता रहे हैं।

बता दें कि शीर्ष अदालत में सुनवाई आरंभ होते ही मुकुल रोहतगी की तरफ से कहा गया कि वो AGR के मामले में सुनवाई के लिए जाना चाहते हैं, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी बात स्वीकार कर ली। वहीं कांग्रेस नेता और पेशे से वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से जवाब देने के लिए वक़्त माँगा है। अब मध्य प्रदेश के मामले पर दोपहर बाद सुनवाई की जाएगी।

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