नई दिल्ली : पशु क्रूरता रोकथाम नियम के तहत केंद्र सरकार की ओर से 23 मई को नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एक जनहित याचिका में चुनौती दी गई है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह नोटिफिकेशन जारी किया है, बूचड़खानों के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक का यह नोटिफिकेशन मनमाना है. यह नया कानून मवेशियों की खरीद बिक्री पर अप्रत्यक्ष रूप से पूरी तरह प्रतिबंध लगाता है. यह पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम-1960 का उल्लंघन है. गोरक्षा के नाम पर लागू इस कानून से किसान और पशु व्यापारी त्रस्त हो जाएंगे. इसी याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया था, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया था. अब यही याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है जिस पर आज सुनवाई होगी. सरकार के इस फैसले को वीसीके पार्टी नेता ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए आरएसएस का एजेंडा करार दिया. केरल समेत कई राज्यों में इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है. खुलेआम गोकशी और बीफ फेस्ट का आयोजन भी हो रहा है, तमिलनाडु में भी विरोध हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा I-TR में आधार की अनिवार्यता सही आज रिटायर हो रहे हैं न्यायमूर्ति कर्णन, कहां हैं किसी को नहीं पता SC ने 10.52 लाख फर्जी पैनकार्ड को लेकर जताई चिंता CBDT ने जारी किया बयान 1 जुलाई से IT रिटर्न भरने के लिए जरुरी आधार