नई दिल्ली : केरल में एक हिंदू युवती द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने के बाद एक मुस्लिम युवक से शादी करने के विवाद में नया मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े कुछ तथ्यों पर आशंका जताते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि इस मामले में केरल हाई कोर्ट ने इसे 'लव जिहाद' का मामला बताते हुए शादी रद्द करने का आदेश दिया था. इसके बाद महिला के पति ने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह के माध्यम से अपील दाखिल की. वकीलों ने पति को पत्नी से मुलाकात करने पर रोक के साथ उसके घर पर पुलिस का पहरा लगाने पर आपत्ति ली गई और लड़की को समन भेजकर उसके बयान दर्ज कराने मांग की गई. जबकि दूसरी ओर अशोकन की वकील माधवी दीवान ने कहा कि यह युवती अपने माता -पिता की एकलौती संतान है और उसे साजिश के तहत दिमागी रूप से शादी के लिए तैयार किया गया. सबूत पेश किए जाने के बाद कोर्ट कहेगी तो लड़की को भी पेश कर दिया जाएगा. बता दें कि इसके बाद पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह को एनआईए की ओर से पेश होने का आदेश देते हुए कहा कि एजेंसी और अशोकन 10 दिन के भीतर इस मामले में सबूत पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी. यह भी देखें बड़ी खबर: 11 अगस्त को होगी अयोध्या मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने निजता की सुरक्षा को हारी हुई बाज़ी बताया