नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने पाकिस्तान की जेल में पिछले लगभग 24 वर्षों से कैद कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी के जल्द रिहाई या स्वदेश वापसी की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। शीर्ष अदालत ने ये नोटिस कैप्टन संजीत की 81 वर्षीय मां की याचिका पर केंद्र को भेजा है। दरअसल, याचिका में मांग की गई है कि सरकार मानवीय आधार पर इस मामले में दखल दे और कूटनीतिक तरीकों से शीघ्र संजीत के रिहाई के लिए कोशिश करें। सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में केंद्र को नोटिस भेजते हुए याचिकाकर्ता के वकील से भी पूछा कि क्या वो इस तरह पाकिस्तान की जेल में कैद अन्य सैनिकों की एक पूरी सूची दे सकते हैं। अदालत में याचिका में कहा गया है कि कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी पाकिस्तान की किसी जेल में बीते 23 वर्ष और 9 महीने से कैद हैं। वे पाकिस्तान के किस जेल मे बंद हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। बता दें कि कैप्टन संजीत के पाकिस्तान के जेल तक पहुंचने की पूरी घटना 19 और 20 अप्रैल, 1997 से जुड़ी है। याचिका के मुताबिक, कैप्टन संजीत 19 अप्रैल, 1997 की रात अपने अन्य साथी सदस्यों के साथ गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान से लगने वाली सरहद पर गश्ती के लिए गए थे। अगले दिन यानी 20 अप्रैल को दस्ते के सिर्फ 15 सदस्य वापस लौटे। कैप्टन संजीत और दस्ते के एक और सदस्य लांस नाईक राम बहादुर थापा इनके साथ नहीं थे। इसके बाद से ही दोनों लापता हैं। ICICI बैंक दे रहा घर खरीदने का सुनहरा मौक़ा, 10 सालों में सबसे सस्ता हो गया रेट मिड नून मार्केट पल्स जानिए क्या है सेंसेक्स का हाल ICICI 'iMobile Pay: 10 लाख अन्य बैंक ग्राहक कर रहे है ICICI के बैंकिंग ऐप का उपयोग