नई दिल्ली: हाल में बनाए गए तीन कृषि संबंधी कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े के नेतृत्व वाली पीठ ने केंद्र से चार सप्ताह के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है. बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन कृषि सेवा करार विधेयक -2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति मिलने के बाद कानून की शक्ल मिली थी। ये कानून 27 सितंबर को प्रभावी हुए थे। सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज झा, केरल से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य टीएन प्रतापन तमिलनाडु से DMK के राज्यसभा सांसद तिरुची शिवा राकेश वैष्णव की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. अदालत में जस्टिस ए एस बोपन्ना वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं. याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि है कि संसद द्वारा पास किए गए कृषि कानून किसानों को कृषि उत्पादों का उचित मुल्य सुनिश्चित कराने के लिये तैयार की गई कृषि उपज मंडी समिति व्यवस्था को समाप्त कर देंगे. प्रियंका का योगी सरकार पर हमला, पीड़ित की आवाज सुनने के बजाय उन्हें ही बदनाम करना शर्मनाक चीन की मदद से 370 बहाल करना चाहते हैं फ़ारूक़ अब्दुल्ला, भाजपा बोली- चीन ही चले जाइए यूपी में पुजारी की हत्या पर भड़कीं मायावती, कहा- संत के 'राज' में भी साधू सुरक्षित नहीं