नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली सात जजों की पीठ ने जज केसी करनन को अवमानना का नोटिस जारी किया है.इसके साथ ही करनन से उनके सभी प्रशासनिक और न्यायिक अधिकार छीन लिए गए हैं.यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने करनन को अगले सोमवार उसके सामने पेश होने के आदेश भी दिए हैं. गौरतलब है कि करनन ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 20 जजों के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की मदद मांगी थी न्यायिक जगत में यह पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश के खिलाफ अवमानना मामले में स्वतः संज्ञान लिया हो. इतना ही नहीं यह भी पहली बार हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम सात न्यायाधीशों की पीठ खुली अदालत में न्यायाधीश के खिलाफ अवमानना पर सुनवाई की हो.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने करनन के सभी प्रशासनिक और न्यायिक अधिकार भी छीन लिए. साथ ही उनके पास मौजूद सभी प्रशासनिक और न्यायिक फाइलें भी लौटाने के भी निर्देश दिए. इस मौके पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि करनन के पत्र लज्जाजनक और न्याय के प्रशासन को खत्म करने वाले थे.आपने सुप्रीम कोर्ट से करनन के खिलाफ धारा129 के तहत कठोर कार्रवाई करने की मांग की.स्मरण रहे कि जस्टिस करनन ऐसे न्यायाधीश हैं जो अपने कार्यों को लेकर कई बार चर्चा में रहे हैं. कभी अपने ही हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अवमानना आदेश जारी करने में तो कभी और किसी मसले पर चिट्ठियां लिखकर सुर्ख़ियों में बने रहे. यह भी पढ़ें कोर्ट का फैसला : 23 हफ्ते की गर्भवती महिला का होगा गर्भपात सिखों पर बनने वाले चुटकुलों पर SC का रोक लगाने से इंकार