नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जो न्यायिक प्रक्रियाओं में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश को समाप्त करते हुए इसे "आंशिक कार्य दिवस" में बदलने का निर्णय लिया है। इससे न केवल अदालत का कामकाज सुचारू रूप से चल सकेगा, बल्कि लंबित मामलों के निपटारे की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। यह नया नियम 2025 से प्रभावी होगा और इसके तहत सुप्रीम कोर्ट का समर ब्रेक अब पूर्ण अवकाश के बजाय "आंशिक कार्य दिवस" का रूप लेगा। नए नियम के अनुसार, 26 मई 2025 से आंशिक कार्य दिवस शुरू होंगे, जो 14 जुलाई 2025 तक चलेंगे, इसके बाद अदालत पूर्ण कार्य दिवसों पर लौटेगी। इन आंशिक कार्य दिवसों के दौरान कोर्ट में मामलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक न्यायाधीश नियुक्त किए जाएंगे, जो अर्जेंट मामलों, नोटिस मामलों और अन्य आवश्यक मामलों पर विचार करेंगे। इससे विशेष रूप से ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जो तात्कालिक समाधान की अपेक्षा करते हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को पदभार ग्रहण किया था, और वे 10 नवंबर 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने न्यायिक प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। यह निर्णय लंबित मामलों की संख्या को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे न्यायिक व्यवस्था में सुधार आएगा और न्यायिक देरी की समस्या पर भी अंकुश लगेगा। 11 नवंबर से जस्टिस संजीव खन्ना, जो वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करेंगे। इस नए बदलाव के साथ, उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यक्षमता और निर्णयों की गति में सुधार होगा, जिससे देश में न्याय तक शीघ्र पहुंचने की प्रक्रिया को बल मिलेगा। MVA की रैली में सावरकर का गीत गाकर मांगे गए वोट, सुनते रहे राहुल गांधी बाहर लाल जिल्द, अंदर कोरे कागज़..! ये कैसा 'संविधान' बाँट रहे राहुल गांधी? Video देश की नंबर-1 प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, एशिया में भी बढ़ी रैंकिंग