मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में न्यायाधीश अगले हफ्ते से शीर्ष अदालत परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में आ सकते हैं. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण शीर्ष अदालत 25 मार्च से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर रही है. उसने अधिवक्ताओं और अन्य कर्मचारियों के प्रवेश को उच्च सुरक्षा क्षेत्र में निलंबित कर दिया था. पीएम मोदी की जनता से अपील - लोकल के लिए 'Vocal' बनें, स्थानीय प्रोडक्ट्स ही खरीदें आपकी जानकारी के लिए बता दे कि न्यायाधीश एल नागेश्वर राव, एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की पीठ जब सुनवाई कर रही थी तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूछा की कि क्या न्यायाधीश शीर्ष अदालत परिसर से सुनवाई कर रहे हैं, इस पर पीठ ने कहा, ‘हां, यह पायलट प्रोजेक्ट है.’ भारी भरकम राहत पैकेज से साथ पीएम मोदी ने जनता को दिलाई हिम्मत, कही यह बात इसके बाद उन्होंने आगे जोड़ा कि अगले सप्ताह से न्यायाधीश वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए कोर्ट रूम में आ सकते हैं. कानून अधिकारी ने कहा, ‘यह अच्छा विचार है.’ लॉकडाउन के दौरान, पीठ आमतौर पर न्यायाधीशों के आवास पर एकत्र होती है और वकीलों को अपने घरों या कार्यालयों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई में शामिल होने की अनुमति होती है. एक तरफ बढ़ रही कोरोना की मार तो दूसरी तरफ दिल्ली में बदले मौसम के मिज़ाज़ रेल में बैठने से पहले यात्रियों से इस ऐप की मांगी जा रही थी जानकारी कोरोना का आतंक जारी, 2,293 पॉजिटिव मरीजों ने गंवाई जान