नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में आज मुस्लिम दाऊदी बोहरा समुदाय की लड़कियों का खतना करने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई होगी. इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पड़ी की थी कि धर्म के नाम पर किसी भी लड़की के यौन अंग को कोई कैसे छू सकता है? किसी भी लड़की के यौन अंगों को काटना उसके सम्मान और गरिमा और उनके सम्मान के खिलाफ है. इस मामले में केंद्र सरकार ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा था कि किसी भी धर्म की आड़ में लड़कियों का खतना करना जुर्म है और इस पर रोक तो लगना ही चाहिए. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने इस मामले में कहा था कि इसके लिए कानून के दंडविधान में इस पर सात साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है. इसी के साथ केंद्र सरकार ने ये भी उम्मीद भी जताई थी कि जिस तरह से सती और देवदासी प्रथा को खत्म कर दिया उसी तरह से इस प्रथा को भी खत्म किया जाए क्योकि यह प्रथा सभी संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है. इस मामले में दाऊदी बोहरा समुदाय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि खतना की प्रथा को स्वास्थ्य के लिए खतरा बताना गलत है. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समाज में निभाई जाने वाली इस परंपरा पर रोक लगाने वाली याचिका पर केरला और तेलंगाना सरकारों को भी नोटिस जारी किया है. राफेल डील : अम्बानी ने ठोका 5000 करोड़ का मानहानि मुक़दमा आज गोरखपुर पहुंचेगी अटल अस्थि कलश यात्रा, 5 कि.मी पैदल चलेंगे योगी मणिपुर पिस्तौल घोटाला: NIA की हिरासत में कांग्रेसी विधायक