नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अध्यादेश को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है। इस बीच आज अध्यादेश को लेकर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। बता दें कि बीते दिनों केंद्र के अध्यादेश के विरोध में दिल्ली सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अध्यादेश के मामले को बड़ी बेंच को भेजने की बात कही है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस अदालत ने संकेत दिया है कि वह नौकरशाहों पर कंट्रोल से संबंधित केंद्र द्वारा जारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेज सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है। दरअसल, बीते दिनों अधिकारों की लड़ाई में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। न्यायलय ने केजरीवाल सरकार को दिल्ली का असली बॉस करार दिया था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित फैसले लेने का अधिकार दिल्ली सरकार के हाथ में है, मगर उक्त फैसले के हफ्तेभर बाद ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर केजरीवाल सरकार की शक्तियों को कम कर दिया था। वहीं, केंंद्र के इसी अध्यादेश के विरोध में पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। बहरहाल, आज कोर्ट ने अध्यादेश मामले में आगामी 20 जुलाई तक सुनवाई स्थगित कर दी है। 'भाजपा को हराने के हम एकजुट..', विपक्षी बैठक में जाने से पहले बोले तमिलनाडु के सीएम स्टालिन 'भूत बन चुकी NDA में नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही..', भाजपा गठबंधन की बैठक पर कांग्रेस का तंज हंगामे के साथ शुरू हुआ महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र, विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट