लाखों पेंशनभोगियों को मिलेगा अधिक पैसा, सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है बड़ा फैसला

नई दिल्ली: पेंशन पाने वालों लाखों पेंशनभोगियों के बैंक अकाउंट में ज्यादा पैसा आ सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय में कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) पर लगी 15,000 रुपए की सीमा को हटाने के लिए सुनवाई चल रही है. प्राइवेट सेक्‍टर के संगठित क्षेत्र के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को रिटारमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ दिया जा सके इसके लिए ही कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) 1995 में शुरू की गई थी.

EPF योजना, 1952 के मुताबिक, कोई भी संस्‍थान अपने कर्मचारी के EPF में होने वाले 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी EPS में जमा करता है. जब कर्मचारी 58 वर्ष की आयु पूरी कर ले तब वह कर्मचारी इस EPS के पैसे से मासिक पेंशन का लाभ प्राप्‍त कर सकता है. EPFO में 23 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें प्रति माह 1,000 रुपए पेंशन मिलती है. जबकि PF में उनका योगदान इसके एक चौथाई से भी कम है. संशोधन से पहले, अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 6,500 रुपए था. हालांकि, इसने पेंशनभोगी वेतन को नियोक्ता और कर्मचारी के पारस्परिक विकल्प पर हाई सैलरी पर आधारित पेंशन की इजाजत दी. 2014 के संशोधन ने अधिकतम पेंशन योग्य वेतन को हर महीने 15,000 रुपए तक बढ़ा दिया.

हालांकि, पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में पेंशन फंड में प्रति माह अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है. यदि पेंशन से 15,000 रुपए की लिमिट को हटा दिया जाए तो 7,500 रुपए से अधिक पेंशन मिल सकती है. किन्तु, इसके लिए एम्प्लॉयर का EPS में योगदान भी बढ़ाना होगा.

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