नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा 500 रूपए और 1000 रूपए की नोटबंदी किए जाने के निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि देश के भिन्न-भिन्न उच्च न्यायालयों में याचिका दायर करने के बाद केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं को एक ही उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर एक स्थानांतरण याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए इन याचिकाओं को दायर करने वालों को नोटिस जारी कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई अब 2 दिसंबर को होगी। गौरतलब है कि इन याचिकाओं के दायर हो जाने के बाद न्यायालय ने केंद्र सरकार से सवाल किए कि आखिर किसानों को केंद्र सरकार द्वारा क्या सुविधा दी गई है। केंद्र सरकार ने 500 रूपए और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद हो जाने के बाद किसानों को किस तरह की सुविधा देने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों को बीज खरीदने में परेशानी न हो इसका ध्यान रखा गया है। गौरतलब है कि आज केंद्रीय वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने किसानों के लिए कैशलैस ट्रांजिक्शन सिस्टम को लेकर जानकारी दी और कहा कि नाबार्ड के माध्मय से किसान ट्रांजिक्शन कर सकेंगे इतना ही नहीं किसानों को ग्रामीण स्तर पर भी सुविधा प्रदान किए जाने की बात कही गई थी। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने न्यायालय में जो जवाब दिया उसके तहत अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायालय में कहा कि हालात पहले से अच्छे हो गए हैं और स्थिति नियंत्रण में है। स्थिति यह है कि बैंक में 6 करोड़ रूपए का धन आ चुका है। ऐसे में बैंक्स की दशा में सुधार होगा। उन्होंने कैश लैस ट्रांजिक्शन के चलन के बढ़ने की बात कही। नोटबंदी नहीं कालेधन का समाधान नोटबंदी: सरकार के फरमान से मंत्री को हुई परेशानी नोटबंदी पर बड़ा एलान: डेबिट कार्ड पर सर्विस राहुल ने की नोटबंदी पर जेपीसी जांच