नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, छः राज्य सरकार और बीजेपी से एक याचिका पर प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सार्वजनिक विज्ञापनों को जारी करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया है. केंद्र और भाजपा के अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक द्वारा दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों को नोटिस जारी किए. आर्थिक संकट की ओर बढ़ता भारत, एक डॉलर की कीमत हुई 71 रूपये न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुरारी विधानसभा से विधायक संजीव झा द्वारा याचिका पर चार सप्ताह के भीतर अपने जवाब दर्ज करने के लिए कहा. उल्लेखनीय है कि तेलंगाना को छोड़कर, अन्य पांच राज्य भाजपा द्वारा शासित हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्र, बीजेपी और इन राज्यों ने पहले दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक विज्ञापन जारी किए हैं. आतंकियों ने पुलिसवालों के परिजनों को किया अगवा संजीव झा ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि केंद्र द्वारा इस मुद्दे पर गठित एक समिति से इन कथित उल्लंघनों की संज्ञान लेने और उनके खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू करने के लिए कहा जाना चाहिए. आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने 13 मई, 2015 को सार्वजनिक विज्ञापनों के नियमन के लिये तटस्थ और निष्पक्ष छवि वाले व्यक्तियों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था. हालांकि, बाद में 18 मार्च, 2016 को न्यायालय ने अपने आदेश में संशोधन करके सरकारी विज्ञापनों में केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और राज्य के मंत्रियों की तस्वीरों के उपयोग की अनुमति दे दी थी. खबरें और भी:- नेशनल बैंक ने युवाओं से मांगे आवेदन, यह है अंतिम तिथि करियर नेशनलिस्ट है यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी : अरुण जेटली जन्म दिन विशेष : मेजर ध्यानचंद को कभी हिटलर ने किया था जर्मनी नागरिकता का ऑफर