नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की फ्लोर टेस्ट की मांग पर अब शीर्ष अदालत में बुधवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को नोटिस भी दिया। पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान सहित 10 विधायकों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। भाजपा ने दावा किया है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ चुकी है और कांग्रेस को सरकार चलाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। इस स्थिति में फ़ौरन विधानसभा में बहुमत परिक्षण कराया जाए। इससे पहले गवर्नर लालजी टंडन ने सोमवार को सीएम को दूसरी चिट्ठी लिखकर आज ही बहुमत परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। कल बजट सत्र के पहले दिन गवर्नर के अभिभाषण के बाद स्पीकर ने कोरोनावायरस का हवाला देते हुए विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक टाल दी गई थी। इससे पहले गवर्नर ने 14 मार्च को सीएम कमलनाथ से कहा था कि वे 16 मार्च को बहुमत परिक्षण कराएं। हालांकि, रविवार रात कमलनाथ ने उनसे मुलाकात की और बताया कि सोमवार को बहुमत परिक्षण नहीं होगा। बताया जाता है कि इस बात से गवर्नर नाराज थे। वे बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण के बाद केवल 12 मिनट में विधानसभा से राजभवन लौट गए थे। इकॉनमी को 'कोरोना' से बचाने के लिए RBI का बड़ा फैसला, सिस्टम में डालेगा अतिरिक्त एक लाख करोड़ सुप्रीम कोर्ट आज महिलाओं के इस मामले में सुनाएगा फैसला भाजपा संसदीय दल की बैठक आज, इस सांसद ने पहनी अनोखे शब्दों वाली टोपी