नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से उस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है, जिसमें देश के सभी मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई व न्यायाधीश एस ए बोबडे व एस ए नजीर की पीठ ने सरकार से जवाब देने के लिए कहा है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 नवंबर तय कर दी है। अदालत यास्मीन जुबेर अहमद पीरजादा द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों के भीतर महिलाओं के प्रवेश पर रोक को 'अवैध और असंवैधानिक' घोषित करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह संविधान के तहत गारंटीड मौलिक अधिकारों का हनन करता है। याचिका में यह भी जिक्र किया गया है कि जिन मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत है, वहां अलग प्रवेशद्वार है और दोनों के लिए अलग-अलग अहाते हैं। याचिका में कहा गया है कि किसी भी प्रकार का लैंगिक भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी मुस्लिम महिलाओं को सभी मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और वक़्फ़ बोर्ड को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के लिए कहा है। धनतेरस के दिन सोने-चांदी की कीमतों ने दिया झटका, इतने बढ़े दाम धनतेरस पर सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, जानिए आज के रेट 30 वर्षों में पहली बार अपना सोना बेचने जा रही RBI, सरकार को भी मिलेगा लाभ