नई दिल्ली: मोरेटोरियम अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. जी दरअसल आम जनता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीब दत्ता यहाँ मौजूद हैं. वहीँ हाल ही में उन्होंने कोर्ट में कहा कि, 'जनता इस वक्त कठिन दौर से गुजर रही है. यह योजना सभी के लिए दोहरी मार की तरह है.' जी दरअसल बीते मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि लोन मोरेटोरियम की सुविधा को दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. वहीँ याचिकाकर्ताओं के वकील राजीब दत्ता ने कोर्ट में अब यह तर्क दिया है कि 'ब्याज लेना प्रथम दृष्टया में गलत है और बैंक इसे चार्ज नहीं कर सकते.' वहीँ इस दौरान सीआरईडीएआई की तरफ से लड़ रहे वरिष्ठ वकील आर्यमन सुंदरम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'लंबे समय तक उधारकर्ताओं पर दंडात्मक ब्याज वसूलना अनुचित है, इससे एनपीए बढ़ सकता है.' जी दरअसल लोन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ सुनवाई करने में लगी हुई है. ऐसे में बीते मंगलवार को केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया. इसमें उन्होंने कहा कि, 'ऋण स्थगन दो साल के लिए बढ़ सकता है. लेकिन यह कुछ ही सेक्टरों को दिया जाएगा.' वहीँ उन्होंने कोर्ट में उन सेक्टरों की सूची भी दी है, जिन्हें आगे राहत देने का प्लान हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों ही कहा था कि वह इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा जो आज जारी हो चुकी है. क्या है मोरेटोरियम - लोन मोरेटोरियम एक ऐसी सुविधा है, जिसके अंतर्गत कोरोना प्रभावित ग्राहकों या कंपनियों को छूट दी गई थी. इसी के अंतर्गत ग्राहकों और कंपनियों के पास यह सुविधा थी कि वे अपनी मासिक किस्त को टाल सकें. न्यूजीलैंड क्रिकेट ने इतने साल के लिए बढ़ाया मुख्य कोच का कार्यकाल पंजाब में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 24 घंटे में 70 संक्रमितों की गई जान डॉ. कफील खान की रिहाई के बाद अखिलेश यादव बोले- 'आजम खान को भी रिहा...'