विधानसभा चुनाव: अगर राफेल पर सुप्रीम फैसला मतदान से पहले आ जाता, तो क्या यही रहता परिणाम ?

नई दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर पांच राज्यों में हुए मतदान से पहले आ गया होता तो जनता का क्या फैसला होता? ये सवाल सिर्फ काल्पनिक नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया में इसको लेकर बकायदा बहस छिड़ गई है. बहुत से लोगों का कहना है कि अगर ऐसा होता तो जनादेश में काफी अंतर देखने को मिलता और सम्भावना ये भी थी कि नजदीकी मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर से बाजी मार लेती.  

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सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने 'चौकीदार चोर है' का नारा देकर ही विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है, अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला चुनाव से पहले आ जाता तो कांग्रेस का ये कोरा झूठ बेपर्दा हो जाता, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलता.

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आपको बता दें कि भाजपा द्वारा शासित तीनों राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में फिर भी कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा का पूरी तरह से सफाया कर दिया था. जबकि मिजोरम और तेलंगाना में स्थानीय पार्टियों का वर्चस्व था, तेलंगाना में टीआरएस और मिजोरम में एमएनएफ ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की थी.

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