नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू से हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों की फ़ौरन रिहाई के लिए दाखिल की गई याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने कहा कि नियमों के मुताबिक, रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजा जा सकता है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू में 150 रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में रखा है और उन्हें नियमों के मुताबिक वापस म्यांमार भेजा जा सकता है. दरअसल, एक जनहित याचिका में रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार न भेजे जाने की मांग की गई थी, कहा गया था कि वहां रोहिंग्याओं की जान का खतरा है। मगर शीर्ष अदालत ने याचिका ठुकराते हुए कहा कि विदेशी नागरिक या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की जो भी प्रक्रिया और नियम है, उसका पालन करते हुए केंद्र सरकार उन्हें वापस म्यांमार भेज सकती है. यानि फिलहाल जम्मू में हिरसत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा नहीं किया जाएगा. अदालत के आदेश के मुताबिक, जैसे ही उन्हें वापस भेजने की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाती है, उन्हें सरकार वापस भेज सकती है. देश की सबसे बड़ी अदालत के इस आदेश के बाद बाकी रोहिंग्या शरणार्थियों को भी वापस भेजने का मार्ग साफ हो गया है. इस राज्य में नहीं लगेगा कोई लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू, स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा ऑस्ट्रेलियाई सरकार जुलाई में महिला सुरक्षा पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का करेगी आयोजन राजेश टोपे का केंद्र पर आरोप, कहा- वैक्सीन सप्लाई में भेदभाव कर रही मोदी सरकार