नई दिल्ली। असम में इस साल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की नई में 40 लाख लोगों के नाम शामिल का होने के बाद से पुरे असम में गंभीर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। असम ही नहीं बल्कि पुरे देश के लोग इसी सोच में डूबे हुए थे कि इन 40 लाख लोगों को अब किस देश में शरण दी जाएगी। लेकिन अब इन मुद्दों के बिच इन लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक अच्छी खबर आई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि एनआरसी से बाहर रखे गए 10 प्रतिशत लोगों का जल्द से जल्द रीवेरिफिकेशन किया जाये। कोर्ट के मुताबिक इस रीवेरिफिकेशन के बाद ही इस मामले में कोई फैसला सुनाया जायेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई को 30 अगस्त तक स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही केंद्र की मानक संचालन प्रक्रिया में हो रहे विरोधाभासों पर भी सवाल उठाए है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने अपनी एक नई सूचि जारी की थी जिसमे 40 लाख लोगों को अवैध घोषित किया गया था। इसके बाद से इस मुद्दे पर पुरे देश में सियासत गरमाई थी। उल्लेखनीय है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स एक ऐसी संस्था है जिसे यह पता लगाने के लिए स्थापित किया गया है कि भारत के विभिन्न राज्यों में कितने लोग अवैध तरीको से रह रहे है। एनआरसी को आमतौर पर उन्ही राज्यों में लागु किया जाता है जो अंतरास्ट्रीय सीमा से लगे होते है और जिनमे विदेशियों के अवैध तरीके से घुसने की गुंजाईश होती है। ख़बरें और भी असम में घुसपैठियों के नाम पर हौव्वा खड़ा कर रही है भाजपा : हरीश रावत 2019 में देश के सभी राज्यों में लागू किया जाएगा NRC - ओपी माथुर कांग्रेस के नेता तरुण गोगोई का दावा, हमारा था NRC प्रोजेक्‍ट रोहिंग्‍या यहां बस गए तो दस कश्‍मीर और तैयार हो जाएंगे : स्‍वामी रामदेव कोलकाता में गरजे अमित शाह, कहा हम बांग्ला विरोधी नहीं, पर ममता विरोधी जरूर