नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है. साथ ही शीर्ष अदालत ने संजय सिंह पर भी टिप्पणी की है. सर्वोच्च न्यायालय ने संजय सिंह से कहा कि आप सांसद हैं. आपको इस प्रकार के बयान नहीं देना चाहिए था. आप लिमिट क्रॉस करेंगे तो कानून के अनुसार, आपके खिलाफ केस दर्ज होगा. संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा अदालत में पेश हुए. उन्होंने कहा कि चूंकि संजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं, इसलिए अभियोजन के लिए राज्यसभा के सभापति से इजाजत ली जानी चाहिए थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि दर्ज मामले में संजय सिंह को अरेस्ट नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार को केस के लिए राज्यसभा के सभापति से संपर्क करना चाहिए. इस मामले की प्रकृति के मद्देनज़र इस पर तेजी से फैसला लेने की आवश्यकता है. इस मामले पर अगली सुनवाई मार्च के दूसरे हफ्ते में होगी. शीर्ष अदालत ने संजय सिंह से सवाल किया कि आपके खिलाफ कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. इस पर विवेक तन्खा ने कोर्ट को बताया कि 14 जगहों पर एक जैसी एफआईआर दर्ज की गई हैं. यह राजनीतिक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने नोटिस भेजा है कि क्यों सभी FIR को क्लब नहीं किया जाना चाहिए. मुस्लिम तुष्टिकरण की छवि बदलने की कवायद में TMC, 125 जगहों पर करेगी सरस्वती पूजन गुलाम नबी आज़ाद की विदाई पर भावुक हुए पीएम मोदी, तारीफ में कही ये बात आज संसद में गरजेंगे राहुल गांधी, किसान आंदोलन पर होगा घमासान