नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर में लगभग 200 झुग्गियों को तोड़े जाने के प्रस्ताव पर लगी रोक जुलाई के तीसरे हफ्ते तक बढ़ा दी है और केंद्र सरकार से वहां झुग्गियों में रहने वालों का सत्यापन करने के लिए एक सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने सोमवार को केंद्र के वकील की दलीलों को सुना और कहा कि सरकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रस्तावित क्षेत्र का उचित सर्वे करने के बाद निवासियों का भौतिक सत्यापन करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। इससे पहले पीठ ने 25 अप्रैल को झुग्गियों के गिराए जाने के प्रस्ताव पर दो मई तक के लिए रोक लगा दी थी। बेंच ने झुग्गी की रहने वाली एक लड़की वैशाली सहित दो नाबालिग निवासियों की तरफ से पेश वकीलों विकास सिंह और अमन पंवार की उन दलीलों पर गौर किया था कि उनकी 10वीं की बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से आरंभ हो रही हैं। वैशाली ने अदालत से कहा था कि हजारों लोग बगैर किसी अन्य पुनर्वास योजना के बेदखल हो जाएंगे। अदालत ने केंद्र की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज से कहा था कि सुनवाई की अगली तिथि तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन.वी. रमणा के नेतृत्व वाली बेंच ने इन दलीलों पर ध्यान दिया था कि 'झुग्गियों' के विध्वंस के आसन्न खतरे के मद्देनज़र याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने चार अप्रैल को झुग्गियों के सभी निवासियों को एक हफ्ते के अंदर जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। योगी ने मानी माँ-ंबहन की बात! 28 साल बाद अपने घर पर रात को रुकेंगे CM योगी, 5 साल बाद होगी माँ से मुलाकात हिंसा की आग में जल रहा 'कांग्रेस' शासित राजस्थान और नेपाल के नाईट क्लब में पार्टी कर रहे राहुल गांधी, देखें Video गुजरात भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी ने दी तीन दिन की छुट्टी, कहा- परिवार के साथ समय बिताओ