नई दिल्ली : फ़्लैट खरीदारों के अधूरे प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर आम्रपाली ग्रुप को न केवल फटकार लगाई, बल्कि उस पर सवालों की बौछार कर दी.फ्लैट खरीदारों और आम्रपाली ग्रुप के बीच का यह मामला लम्बे अर्से से जारी है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली से करोड़ों रुपये साइफन (गलत तरीके से दूसरे खातों में ट्रांसफर करना) करने को लेकर कई सवाल पूछे. ग्रुप से पूछा गया कि उसके पास इतने पैसे कहां से आए . किस काम के लिए ये पैसे किन कंपनियों को ट्रांसफर किए गए.रकम किस रूप में दी गई, किसी काम के लिए एडवांस या फिर उधार या फिर किसी अन्य बहाने से दी गई. कौन से नियम या प्रावधान के तहत रकम ट्रांसफर की गई? डेरा लागू होने से पहले रकम ट्रांसफर की गई या बाद में? उल्लेखनीय है कि फ्लैट खरीदारों ने आम्रपाली सहित कई बिल्डर्स को सर्वोच्च अदालत में घेर रखा है. इन पर रुपए लेकर समय से घर बनाकर नहीं देने और तमाम प्रॉजेक्ट्स को अधूरा रखने का आरोप है.फ्लैट खरीदारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि सहारा, यूनिटेक और जेपी की तरह आम्रपाली और इसके निदेशकों की निजी संपत्ति भी अटैच कर दी जाय। इनसे कम से कम 500 करोड़ रुपये जमा कराए,तभी यह अधूरे काम पूरे करेंगे.कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को आदेश दिया है कि तारीख के साथ ट्रांसफर रकम का सही-सही ब्यौरा पेश करने के साथ ही अन्य कई निर्देश दिए.नोएडा, ग्रेटर नॉएडा अथॉरिटी की निरीक्षण टीम इन प्रॉजेक्ट्स में लिफ्ट, अग्निशमन, पानी, बिजली और सीवर की स्थिति पर मंगलवार को रिपोर्ट देगी. यह भी देखें सुप्रीम कोर्ट ने दी वकीलों को नसीहत उबर जल्द ही लाएगी उड़ने वाली टैक्सी