नई दिल्ली: पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद को शीर्ष अदालत से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने अतीक अहमद को देवरिया जेल से गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में स्थानांतरित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसले के लिए अतीक का पक्ष सुनने की कोई आवश्यकता नहीं है. अतीक के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि ट्रांसफर ऑर्डर से पूर्व अतीक को नहीं सुना गया. दरअसल, शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2019 में पूर्व सांसद के जेल ट्रांसफर के आदेश जारी किए थे. ये फैसला उस वक़्त आया, जब अतीक अहमद ने एक व्यापारी का किडनैप कर उसे मजबूर किया कि वो अपनी कंपनी अतीक के नाम करें. अतीक अहमद ने लखनऊ के रियल एस्टेट व्यापारी मोहित जायसवाल का 26 दिसंबर को गुर्गो के माध्यम से अपहरण करवाके देवरिया जेल बुलाया था. अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने मोहित जायसवाल की यहां बर्बरतापूर्वक पिटाई करने के बाद करोड़ों रुपये की प्रापर्टी जबरदस्ती अपने व करीबियों के नाम करा ली थी. किसी प्रकार उनके चंगुल से छूटकर मोहित ने लखनऊ पहुंच कर मामला दर्ज कराया तब देवरिया पुलिस हरकत में आई. मोहित की अपील पर अदालत ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच का निर्देश जारी किया था. कोरोना से जंग शुरू, वर्ल्ड बैंक ने किया 12 अरब डॉलर के पैकेज का ऐलान CAA : उपद्रवियों पर सरकार ने कसा शिंकजा, हुड़दंग पर भरना पड़ेगे लाखों रुपये कोरोना : भारत के इस राज्य में मिला पहला संदिग्ध मामला, सरकार ने अलर्ट किया जारी