लोकसभा चुनाव: हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, चुनाव लड़ने का मामला भी अटका

नई दिल्ली: गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाल में कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. हार्दिक की अर्जी पर शीर्ष अदालत ने तुरंत सुनवाई से मना कर दिया है. अब इस मामले में 4 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित की गई है. हार्दिक ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई थी की अदालत इस मामले पर जल्द सुनवाई करे.

किन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जल्द सुनवाई की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने कहा है कि जब हार्दिक को सजा अगस्त 2018 में हुई थी तो आज क्या दिक्कत आ रही है. उल्लेखनीय है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दंगा भड़काने के आरोप में गुजरात उच्च न्यायालय ने दोषी ठहराया है. दरअसल, हार्दिक ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है. मेहसाणा जिले में 2015 के एक दंगा मामले में दोषी करार दिए जाने पर रोक लगाने से गुजरात हाईकोर्ट ने मना कर दिया था. 2 वर्ष से अधिक सज़ा के मामले में दोषी हार्दिक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य है. वहीं गुजरात में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 4 अप्रैल है.

गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की याचिका को ठुकरा दिया था, जिसमें मेहसाणा जिले में 2015 के एक दंगा मामले में हार्दिक की सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी. जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के मुताबिक, हार्दिक पटेल अपनी सजा की वजह से 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों को उच्च न्यायालय ने करारा झटका दिया है. 

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