नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका दायर करने वाले प्रचारक डॉ. केए पॉल ने दलील दी थी कि 18 राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है और ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है, इस मुद्दे को लेकर एलन मस्क का भी बयान था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि जब चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी जैसे नेता चुनाव हारते हैं, तो वे ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हैं, लेकिन जब वे जीतते हैं तो इस पर कुछ नहीं कहते। जस्टिस विक्रम नाथ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्हें यह विचार कैसे आया, और पॉल से यह भी पूछा कि वे राजनीति के क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं। पॉल ने कहा कि उन्हें वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन से समर्थन मिल रहा है और 18 राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर उनके साथ हैं। साथ ही, पॉल ने यह भी बताया कि 197 देशों में से 180 देशों में फिजिकल बैलट पेपर प्रणाली का पालन किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह मंच इस तरह की बहस के लिए नहीं है, और याचिका को खारिज कर दिया। इस्लामी आतंकियों के अत्याचारों से तंग आए यजीदियों ने भारत से मांगी मदद 'खतरे में पड़ सकती है हमारी आज़ादी..', संविधान दिवस पर ऐसा क्यों बोले उपराष्ट्रपति धनखड़? लड़की को डेट पर ले जाओ, पर अम्मी-अब्बू भी जाएंगे साथ..! मुंबई की हलाल-मुस्लिम डेट