नई दिल्ली: ममता बनर्जी ने आज बुधवार को लगातार तीसरी पश्चिम बंगाल के सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की है। उससे पहले शीर्ष अदालत ने बंगाल सरकार को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने वेस्ट बंगाल हाउसिंग इंडस्ट्रीज रेगुलेशन ऐक्ट-2017 (WBHIRA) को निरस्त कर दिया। शीर्ष अदालत के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मंगलवार को यह फैसला दिया। बंगाल सरकार ने यह कानून केंद्र सरकार की रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 (RERA) के स्थान पर बनाया था। राज्य सरकार के कानून को असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट ने कहा कि समानांतर शासन स्थापित करने की कोशिश को स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर किसी विषय पर केंद्र सरकार का कानून है, तो राज्य सरकार उसी प्रकार का कानून नहीं बना सकती। बार ऐंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि, “पश्चिम बंगाल ने एक समानांतर शासन स्थापित करने की कोशिश की है, जो संवैधानिक रूप से स्वीकार्य नहीं है।” मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के कानून को केंद्रीय कानून का अतिक्रमण करार दिया है और कहा है कि इस कानून से एक समानांतर सिस्टम बनाया गया और संसद के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में राज्य सरकार का कानून अस्तित्व में नहीं रह सकता और उसे रद्द किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में ठीक तरह से नहीं चल रहा वैक्सीनेशन अभियान: सर्वे में हुआ खुलासा सोने-चांदी की कीमतों में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानिए आज के भाव कोरोना: इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपये देगा RBI, शक्तिकांत दास ने किया ऐलान