नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर योग गुरु बाबा रामदेव के जीवन पर आधारित पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रकाशक की याचिका पर शुक्रवार को बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है. इससे पहले रामदेव ने दावा किया था कि पुस्तक में मानहानिकारक सामग्री है, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने 29 सितंबर को किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने का आदेश दिया था. प्रियंका की शादी में आने वाले मेहमानों को दिया जा रहा है इतना कीमती तोहफा न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, हम प्रतिवादी संख्या एक (रामदेव) को नोटिस जारी कर रहे हैं. पीठ ने इस मामले को आगे सुनवाई के लिये फरवरी, 2019 के पहले हफ्ते में करने की बात कही है. पुस्तक के प्रकाशक जगरनट बुक्स ने उच्च न्यायालय के 29 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. इससे पहले, रामदेव ने ‘‘ गॉडमैन टू टायकून ’’ नाम की किताब के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि किताब कथित तौर पर उनके जीवन पर आधारित है और उसमें मानहानिकारक सामग्री है, जिससे उनकी छवि और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंच सकता है. 'नेशनल जीजू' बने प्रियंका के होने वाले पति, इन्होने की घोषणा वहीं प्रकाशक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण और बहुत ही दिलचस्प मुद्दे हैं. पीठ ने जानना चाहा कि प्रकाशक ने ई-कामर्स वेबसाइट एमेजन इंडिया और फ्लिकार्ट इंटरनेट प्रा लि को प्रतिवादी के रूप में क्यों खड़ा किया है. ये दोनों वेबसाइट पहले यह पुस्तक ऑनलाइन बेच रही थीं. पीठ ने कहा, ‘‘आप इस मामले में नाहक ही अमेजन और फ्लिपकार्ट को पक्षकार बना रहे हैं?. खबरें और भी:- रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, मुफ्त में मिलेगी यह सेवा अब बैंकों की ये सेवाएं नहीं रहेंगी फ्री, लगेगा एटीएम से हर बार कैश निकालने पर टैक्स खुशखबरी : इस राज्य में जल्द ही 20 हजार रुपये तक सस्ता होगा कार खरीदना