दिल्ली -सुप्रीमकोर्ट ने इस सत्र में तीन राज्यों पर बिहार झारखण्ड व यूपी के मेडिकल कालेजों को एमबीबीएस में छात्रों का दाखिला लेने की इजाजत पर मोहर लगा दी है. बिहार में गया, पावापुरी ,नालंदा व बेतिया के सरकारी मेडिकल कालेज झारखंड में एमजीएम मेडिकल कालेज और यूपी में बांदा सहारनपुर आज़मगढ़ व जालौन के सरकारी मेडिकल कालेज शामिल हैं तीनों राज्यों कि सरकारों ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि इन राज्यों के अंतर्गत मेंडिकल कालेजों में 3 महिने के अंदर कमीयों को दुरूष्त करेंगे व एमसीआइ के दिशानिर्देशों के अनुरूप काॅलेज में सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे. .तीन महिने उपरांत इन कालेजों का परीक्षण एमसीआई के द्वारा किया जाऐगा. गौरतलब है की तीनों राज्य की सरकार को सुप्रीमकोर्ट ने मेंडिकल काॅलेज को मददेनजर रखकर फटकार लगाते हुए कहा था कि इस तरह के संसाधनों से मरीजो का क्या हाल होगा ?आपको इंसानो का इलाज करना है जानवरों का नही. इसके पहले फेसले में सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकारों को स्पष्ट कहा था कि आप आधे-अधूरे डाॅक्टर बना रहे है. दरअसल एमसीआई द्वारा जारी दिशानिर्देश के मानको पर खरा नही उतरने पर एमसीआई ने इस सत्र के दाखिले पर रोक लगा दी थी. बहरहाल तीनो राज्य कि सरकारों ने भरोसा दिलाया है कि आगामी तीन महिनों में मेडिकल काॅलेजों में हम सुविधाएँ पूरी कर देंगे क़ानून मंत्री ने बताया, 4 साल में हुई रिकॉर्ड संख्या में जजों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने UPPSC की मुख्य परीक्षा पर रोक से किया इंकार एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के बाद दलितों पर हिंसा बढ़ी है: बीजेपी सांसद