नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालाय ने मंगलवार को धर्म संसद को लेकर भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह कोर्ट में सार्वजनिक रूप से यह कहें कि रुड़की में निर्धारित ‘धर्म संसद’ में कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया जाएगा। कार्यक्रम बुधवार को होना है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश से भी सवाल किया। एक अलग सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में एक कार्यक्रम पर हिमाचल प्रदेश सरकार से भी तीखे सवाल पूछे। इस धर्म संसद में कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए थे और हिंदुओं को हिंसा का सहारा लेने का आह्वान किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल की भाजपा सरकार से सवाल किया कि उसने आग लगाने वालों के खिलाफ फ़ौरन कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ने कहा कि, 'सरकार को इस प्रकार की गतिविधि को रोकना होगा। राज्य सरकार को हमें बताना होगा कि क्या कोई निवारक उपाय किए गए थे या नहीं।' 9 मई को पुनः सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि, 'सरकार को 7 मई तक एक हलफनामा दायर करना होगा और हमें बताना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।' जजों ने कहा कि, 'ये घटनाएं अचानक नहीं होती हैं। वे रातोंरात नहीं घटती हैं। ये पहले से घोषित की जाती हैं। आपने फ़ौरन कार्रवाई क्यों नहीं की? शीर्ष अदालत के दिशानिर्देश पहले से ही मौजूद हैं।' पीएम मोदी ने 2047 तक भारत के लिए नए उद्देश्यों का प्रस्ताव किया भारत सरकार ने रद्द किया मानवाधिकार संगठन CHRI का लाइसेंस, जानिए क्या है वजह ? कोरोना से लड़ने के लिए बच्चों को मिला नया हथियार, 6 से 12 आयुवर्ग के बच्चों को लगेगी Covaxin