नई दिल्ली। इस समय पूरे देश में एससी/एसटी एक्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, इस मानसून सत्र में सराकर ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन किया है। इन संशोधनों के खिलाफ पूरे देश में सवर्णों को गुस्सा सरकार पर फूट पड़ा है और वह इसका विरोध कर रहे हैं। इसी के तहत गुरुवार यानी 6 सितंबर को सवर्णों ने भारत बंद किया था। अब इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। सवर्णों के बाद अब कांग्रेस करेगी 'भारत बंद' जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन को चुनौती दी गई है और कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि संसद दोनों सदनों में अपनी मर्जी से इस एक्ट को पास किया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस एक्ट में हुए संशोधन के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को एससी/एसटी एक्ट के तहत फंसाया जाता है, तो वह अपनी अग्रिम जमानत का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा, जो कि अन्याय है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रमी कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में 6 हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। मॉब लीचिंग की एक और घटना, मात्र मंदिर में लगे गुब्बारे को छूने पर लड़के की पीट-पीट कर हत्या बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को इस एक्ट के तहत शिकायत होने पर तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने मानसून सत्र में एससी/एसटी एक्ट संशोधन पेश किया था, जिसे 6 अगस्त को सदन ने पारित कर दिया था। क्या कहा है याचिका में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अपील की गई है कि कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वह कोर्ट द्वारा 20 मार्च को दिए गए आदेश को लागू करे। याचिका में कहा गया है कि एक्ट में किए गए संशोधन सवर्णों के खिलाफ हैं। इनके अनुसार, किसी भी मामले में सवर्णों को झूठा फंसाया जा सकता है। याचिका में संशोधनों को असंवैधानिक घोषित करने की मांग भी की गई है। खबरें और भी अगर आप भी है PNB के ग्राहक तो यह खबर जरूर पढ़े आज ही नहीं, पौराणिक काल में भी थे समलैंगिक संबंध कैलाश मानसरोवर से आई राहुल गांधी की पहली तस्वीर