नई दिल्ली : लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम के अनुसार प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति होना अनिवार्य है.लेकिन दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इनकी नियुक्ति नहीं की गई है सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इन राज्यों से दो सप्ताह में ज़वाब माँगा है. उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने इन राज्यों में अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई इसे लेकर कारण बताने को कहा गया है.पीठ ने ओडिशा के मुख्य सचिव से यह भी कहा कि वह राज्य में लोकायुक्त की स्थिति के बारे में अदालत को स्थिति स्पष्ट करें कि राज्य में कोई लोकायुक्त है या नहीं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है , जिसमें लोकायुक्तों के कामकाज को प्रभावी बनाने के लिये पर्याप्त बजट आवंटन एवं जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई है.लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम की धारा 63 के अनुसार हर राज्य में लोकायुक्त का गठन अनिवार्य है. कई राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति तो कर दी गई लेकिन उनके कार्यालय , स्टाफ और अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई. इस कारण संबंधित राज्यों में लोकायुक्त अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं. यह भी देखें राम जन्म भूमि मामले में अंतिम बहस पर सुनवाई आज सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे - उदित राज