नई दिल्ली: केरल सरकार की ओर से बकरीद पर लॉकडाउन में छूट दिए जाने पर शीर्ष अदालत में मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. न्यायमूर्ति आरएफ नारिमन ने केरल सरकार से कहा कि टेक्सटाइल और फुटवियर आवश्यक सामान के दायरे में नहीं आता, जिसे आपकी तरफ से मंजूरी दी गई जबकि सकारात्मकता दर बहुत ज्यादा है. अदालत ने कहा कि हमने केवी नांबियार के आवेदन को सुना, जो अखबारों में छपी खबरों के आधार पर केरल सरकार की ओर से बकरीद को लेकर दी गई छूट के खिलाफ दी गई थी. केरल सरकार ने हलफनामा दाखिल किया, जिसमें 9 से 11 तक और अन्य संबंधित कागज़ात हैं. 15 जून को जारी अधिसूचना में जो कैटेगरी रखे गए, उसमें कम संक्रमण क्षेत्र से लेकर गंभीर संक्रमण क्षेत्र को वर्गीकृत किया गया. दूसरी अधिसूचना में सात चीजों को आवश्यक सामान के दायरे में रखकर दुकानों को खोलने की मंजूरी दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जीवन के अधिकार को खतरे में डाला गया. केरल सरकार का ये रवैया बेहद दुभाग्यपूर्ण है, जिसने अनुच्छेद 21 और 144 का ध्यान नहीं रखा और नागरिकों के अधिकारों को ताक पर रख दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस तरह की नीतियों से कोविड संक्रमण में तेजी आने कि पूरी संभावना बनती है. एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने शिव नादर को 'अध्यक्ष एमेरिटस और रणनीतिक सलाहकार' किया नियुक्त गोवा सरकार ने लौह अयस्क का जायजा लेने के लिए मिनरल कॉर्प के साथ किया समझौता लगातार तीसरे दिन शांत हुई पेट्रोल-डीजल में लगी आग, जानिए आज का दाम