नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को आधार की वैधता को लेकर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी.वहीं इन याचिकाओं में सरकार द्वारा आधार कार्ड को अनिवार्य करने वाले निर्णय को नागरिकों के स्वतंत्रता के अधिकार का हनन बताया गया है. साथ ही सरकार के उन सभी फैसलों को चुनौती दी है जिसमें आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है. इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा करेंगे. उनकी इस बेंच में चार सदस्य ए के सीकरी, ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण हैं. वहीं इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आधार के लिए बायोमेट्रिक जानकारी लेना स्वतंत्रता का हनन है, जबकि इस पर सरकार की दलील है कि स्वतंत्रता का अधिकार अपने आप में मौलिक अधिकार नहीं है इसे मौलिकअधिकार मान लिया जाए तो सरकार को व्यवस्था चलाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही कोई भी व्यक्ति स्वतंत्रता का हवाला देकर ज़रूरी सरकारी काम के लिए फिंगर प्रिंट, फोटो या कोई जानकारी देने से मना कर देगा.वहीं आपको बता दें कि 3 जनवरी को ट्रिब्यून ने आधार डेटा बिकने की खबर छापी थी, इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 500 रुपये में आधारा डेटा को खरीदा जाता है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान शुरू वर्दी में ताश खेलते पुलिसकर्मियों का वीडियो हुआ वायरल जब ग़ुस्से में शिवराज ने गन मेन को जड़ा थप्पड़