नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सोमवार को शीर्ष अदालत में अहम सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि सभ्य देश में ऐसा नहीं होना चाहिए। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि 'प्रदूषण से प्रति वर्ष दिल्ली में हालात बदतर हो जाते हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे। प्रति वर्ष ऐसा ही हो रहा है और बीते 10-14 वर्षों से भी ऐसा हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए, जिंदगी का अधिकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।' इससे पहले पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से वस्तुस्थिति की रिपोर्ट के साथ पेश होने को कहा था। उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली-एनसीआर की स्थिति लगातार खराब हो रही हैं। सोमवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर 500 के आसपास बना हुआ है, वहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के आसपास ही है। इससे पहले शनिवार शाम और रविवार सुबह हुई हल्की बारिश दिल्ली-एनसीआर वासियों के लिए राहत की जगह आफत बन गई है। सड़कों पर दिनभर धुंध का कहर रहा। घरों में भी लोगों ने घुटन महसूस की। धुंध और धुएं ने पूरे उत्तर भारत में जनजीवन पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डाला। दिल्ली-एनसीआर के सभी शहरों में पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखने का ऐलान किया गया हैं। हालात बिगड़ते देख केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पंजाब और हरियाणा को पराली जलाने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कहा है। एयरटेल और जिओ के यह प्लान दे रहे एक दूसरे को टक्कर कोलकाता में कल से शुरू होगा विज्ञान महोत्सव, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी यदि आपके पास भी एक्स्ट्रा बैंक एकाउंट्स है तो जल्द कर दीजिये बंद, यह है प्रोसेस