नई दिल्ली: विश्विद्यालयों की फाइनल ईयर की परीक्षा को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत आज फैसला दे सकती है. इस मामले में 18 अगस्त को शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत के न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायाधीश एमआर शाह की पीठ कर रही है. इस मामले में अदालत तमाम पक्षों को दलीलें लिखित में पेश करने का 3 दिन का वक़्त दिया था. उल्लेखनीय है कि, UGC ने विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक ऑनलाइन या ऑफलाइन कराने संबंधी गाइडलाइन जारी की थी. इन दिशानिर्देशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं में शामिल कोरोना से पीड़ित स्टूडेंट का कहना है कि फाइनल ईयर के कई स्टूडेंट खुद कोरोना संक्रमण के शिकार हैं, तो कुछ के परिवार के सदस्य इस वायरस से ग्रसित हैं. ऐसे छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में बैठने के लिए विवश करना अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का उल्लंघन है. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि यदि अन्य शिक्षा बोर्ड की 10वीं 12वीं की परीक्षाएं निरस्त कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नतीजे घोषित किए जा सकते हैं, तो अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए यह क्यों नहीं दिया जा सकता है. आपको बता दें कि हाल ही में यूजीसी द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक, विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के आखिर तक आयोजित होंगी. गाइड लाइन में कहा गया कि यूनिवर्सिटी अथवा संस्थान द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से कराई जाएंगी. भारत ने पाक के इन झूठों से उठाया पर्दा नवलनी मामले की जांच करने से रूस ने किया मना ऑस्ट्रेलियाई विमान कंपनी से बाहर होंगे कई कर्मचारी